Parenting Tips : किशोरावस्था में पैरेंट्स की ये 7 गलतियाँ आपके रिश्ते को कर सकती है कमजोर

Parenting Tips : किशोरावस्था एक बच्चे की जिंदगी का यह समय बहुत ही संवेदनशील और महत्वपूर्ण होता है। बच्चे की जिंदगी में कई पड़ाव आते है उसमे सबसे मुश्किल जो समय होता है वो है Teenage Stage Child इस स्टेज में बच्चो में कई हार्मोन्स के परिवर्तन होते है। जिसमे मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक बदलावों को देखा जाता है।

Parenting Tips : किशोरावस्था में पैरेंट्स की ये 7 गलतियाँ आपके रिश्ते को कर सकती है कमजोर
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किशोरावस्था में पैरेंट्स की ये 7 गलतियाँ आपके रिश्ते को कर सकती है कमजोर

बच्चे जब इस किशोरावस्था में कदम रख देते है तो मां बाप को जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। वो और ज्यादा सतर्क हो जाते है अपने बच्चो को लेकर। कि किसी गलत संगत में ना पड़ जाए आदि। इस प्रकार की चिंता सभी पैरेंट्स को होती है। और इस समय अगर आपका सही मार्गदर्शन और सहयोग आपके बच्चो को नहीं मिला तो वह गलत रास्ते पर जा सकते है। इसलिए, माता-पिता को कुछ खास गलतियों से बचना चाहिए। इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि Teenage Child के साथ कौन-कौन सी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए और इसके पीछे के कारण क्या हैं।

1. अपना जैसा बनाने की कोशिश :

समय का परिवर्तन हर पीढ़ी में होता ही है। जो आपका समय था जैसे आप हो उसके अनुसार अपने बच्चो बनाने की कोशिश ना करें। अगर आपने दबाव डालने की कोशिश की तो बच्चा आपसे धीरे धीरे दूर होने लगेगा। थोड़ा उसको भी समझने की कोशिश आपको करनी होगी। क्योंकि आपने आपने जीवन काल में बहुत कुछ देखा होता है। अगर ऐसा किया तो आपके साथ आपके बच्चों का रिश्ता कमजोर हो जायेगा।

2. हर बात पर टोकना :

किशोरावस्था बहुत ही नाजुक समय है उनके लिए आप उन्हें हर बात पर टोकने की बजाय उनसे normal way में बात करे। अगर उसको कही जाना है, और वो नही बता रहा है आपसे तो उसको बोलो ठीक है जाओ टाइम से घर आना। इससे उसको अच्छा लगेगा और आगे से आपको बता दिया करेगा। Teenager Child को अगर संभालना है, तो उनकी ही तरह आपको समझना होगा। ऐसा नहीं किया तो आप से ही आपका बच्चा नफरत करने लगेगा।

3. सख्त अनुशासन को बनाना :

Teenage 13-19 ये वो साल जब बच्चे को अगर आपकी अच्छी परवरिश नही मिली, तो वो हाथ से निकल जायेंगे। ऐसे में उनके लिए सख्त अनुशासन की नहीं बल्कि आपके साथ की अधिक जरूरत है। हाँ जीवन में और बढ़ते बच्चो के लिए अनुशासन है जरूरी, पर इतना नहीं की आपका बच्चा आपसे ज्यादा किसी बाहर वाले को अहमियत देने लग जाए। अनुशासन उतना ही जरूरी रखना की आपकी परवरिश में कोई दाग ना लगे।

4. फैसले ना लेने देना :

Teenage इस अवस्था में बच्चो में जो बदलाव आता है वो खुद सोचते है कि ऐसा क्यों हो रहा है। उनके दिमाग में कई तरह के विचार आते है। और कही ना कही उनको लगता है की वो बड़े हो गए है। उनके लिए क्या सही और क्या गलत इसकी समझ बस उनको नही होती है। अब ऐसे में मां बाप का फर्ज यही होता है की अपने बच्चे के साथ प्यार से बात करे। अपने बच्चो का दोस्त बनने की कोशिश करे, ताकि जो वो चाहते है, जो उनका फैसला है, क्या वो उनके लिए सही है या नही।

5. दूसरो के आगे अपने बच्चे की इज्जत ना करना :

अक्सर ऐसा होता की कई माता पिता अपने बच्चे से इतना परेशान रहते है कि वो यह भूल जाते है कि उनके बच्चे की आयु क्या है। और ऐसे में घर में कोई मेहमान आ जाए, तो उन्ही के सामने अपने बच्चे की इज्जत नहीं करते है। और ऐसे में उस बच्चे को बहुत ही बुरा लगता है। और वो खुद को अकेला महसूस करता है। अगर ऐसा ही रहा तो बच्चा आपसे नफरत करने लगेगा, दूर हो जायेगा और बाहर वालो को ज्यादा अहमियत देगा। इसलिए ऐसा ना करे तो ठीक रहेगा।

Teenager Child Emotions

6. उनके इमोशनंस को ना समझना :

समय धीरे धीरे बदल रहा है। इसलिए आप अपने बच्चो में हो रहे मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक बदलावों को समझने की कोशिश करे। उनके इमोशंस को समझने का प्रयास करे। सही गलत के बीच का अन्तर समझाए, लेकिन जोर देकर नही। उनको मारने की बजाय उनसे उनके मन की बात पूछे एक अच्छे दोस्त की तरह तब वो सभी बाते आपसे शेयर कर पाएंगे। माता पिता तो आप है और सदैव रहेंगे ही, लेकिन अगर आप उनके दोस्त बन जायेंगे तो उनको बाहर वालो की जरूरत ही नहीं रहेगी।

7. अपने बच्चो को स्पेस ना देना :

Teenage की अवस्था जैसे शुरु होती है वैसी ही कुछ साल बाद खतम भी होती है। बच्चे लोग व्यस्क अवस्था में चले जाते है। ये जो बीच का समय होता है इसमें सभी माता पिता को अपने बच्चो को समझना चाहिए की अगर उनको अपनी बात मनवानी है, तो थोड़ा उनके जीवन में उनको स्पेस दे। हर समय उनकी जिंदगी में ही दखल देना, रोकटोक करना, ताने मार देना, थप्पड़ मार देना ये सब शोभा नहीं देता और करना भी मत। बस अपने बच्चे और उसकी हरकतों पर दूर से ही नजर बनाए रखो। जब लगे की गलत हो रहा है, उसको जाकर प्यार से या किसी example के साथ समझाओ वो बच्चे समझ जायेंगे।

Conclusion:

किशोरावस्था एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण समय होता है जिसमें माता-पिता का सही मार्गदर्शन और सहयोग बच्चों के भविष्य का निर्माण कर सकता है। इस लेख में बताई गई गलतियों से बचकर माता पिता बच्चो के साथ मजबूत और सकारात्मक संबंध बना सकते है। इन बातों का ध्यान रखकर, हम एक बेहतर और स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं जहां बच्चे स्वतंत्र और आत्मविश्वास से भरे हुए हों। अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगे तो लाइक करे और अपने दोस्तो के साथ शेयर करें।


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